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नई सरकार ,नया प्रतिनिधित्व और नई आशाएं रायगढ़ के माटी पुत्र एक मुख्यमंत्री ,दूसरा पर्यावरण मंत्री – क्या अब सफल होगा प्रदूषण मुक्त जिला बनाने का सपना और संघर्ष

नई सरकार,नया प्रतिनिधित्व और नई आशाएं रायगढ़ के माटी पुत्र एक मुख्य मंत्री ,दूसरा पर्यावरण मंत्री – क्या अब सफल होगा प्रदूषण मुक्त जिला बनाने का सपना और संघर्ष।


जन संघर्ष की शुरुआत होती है सन 1990 से जब विकास के नाम पर मानवीय मूल्यों को दरकिनार कर अंधाधुंध उद्योगीकरण की नींव डाली जाती है। गांव के गांव , जंगल, जमीन , नदी, नालों, तालाब, जलाशयों और जलस्रोतों की खुली लूट की छूट दी जाने लगी।प्राकृतिक संपदा जिस पर जनता का सामान अधिकार है ।जिसे प्रकृति द्वारा समाज को दी जाने वाली निः शुल्क अनमोल देन है ,उसे चंद उद्योगपतियों के हवाले किया जाने लगा। सवाल उठना लाजिमी था कि ये व्यवस्था या योजनाएं “सर्व जन हिताय ” है ,या चंद पूंजीपतियों के हितार्थ है? ऐसी व्यवस्थाएं या योजनाएं किसी समाज,राज्य व देश के विकास की योजनाएं कैसे हो सकती है?

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,पूर्व विधायक और जननायक
रामकुमार अग्रवाल ने सभी छोटे बड़े संगठनों, संस्थाओं,ग्रामीणों,जन प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्वतजनों और जागरूक पत्रकार साथियों को एकजुटकर एक गैर राजनैतिक संगठन तैयार किया। जिसने इस अन्यायपूर्ण और शोषण के खिलाफ पुरजोर आवाज बुलंद की और रायगढ़ जिले को बचाने के संघर्ष का ऐलान किया। दीर्घ और तीव्र जीवन पर्यन्त जनसंघर्ष ने उन्हें ‘ एम एल ए ‘ से जननायक बना दिया।रामकुमार जी नहीं रहे पर उनका संघर्ष लगभग 33 वर्ष हो गए जारी है।

कई गांव के गांव उजड़ गए,तब्दील हो गए विकास के मॉडल में ,बड़े बड़े उद्योग और उद्योग परिसर में,जंगल के जंगल तबाह हो गए।पशु पक्षी व जानवरों का रहवास सब छीन गए। अब वे भटकते भटकते यहां – वहां, जहां – तहां विचरण कर रहे हैं तो कहते हैं हमारे इलाके में जानवर घुस गए । सच्चाई तो यह है कि वे हमारे इलाके में नहीं घुसे उनके रहवास ठिकानों में हम घुस गए हैं।हमने बेदर्दी से उनका रहवास उजाड़ दिया है।अब वे जाएं तो कहां जाएं?केलो अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है।शहर के हृदय स्थल कलेक्ट्रेट के पास आते आते गंदे नाले में तब्दील हो गई। केलो आरती उत्सव की शुरुआत की गई। क्यों कैसे कहां से विचार उत्पन्न हुआ पता नहीं। लेकिन ये सोचने समझने की कोशिश नहीं की गई की आरती के पहले केलो मैया को साफ सुथरा कर पूर्ण श्रृंगार से विभूषित किया जाय केलो नदी को पूर्ण सही अस्तित्व में लाया जाए,पूर्ण स्वच्छ जल धारा प्रवाहित हो। तब केलो मैया की आरती फलवती व सार्थक होगी।अन्यथा यह पुण्य के जगह महापाप होगा।हजारों श्रद्धालुओं के बीच कौन सवाल खड़े करता की आरती केलो नदी की है या गंदे नाली की?केलो मैया बची है की नहीं ? कौन दोषी है?कैसे बचाया जाए ? धीरे धीरे नदी सहित समूचा शहर प्रदूषण के आगोश मे समाता गया । फ्लाई ऐश के मनमानी, बेतरतीब, जहां तहां डंपिंग से खेत , खलिहान, नदी, नाले,तालाब, जलाशयों,जलस्रोत भूजल, पेड़ पौधे, वनस्पति जनजीवन,घर,आंगन,झोपड़ी, लोगों के स्वांसों तक प्रदूषित हो रहे हैं । फ्लाई ऐश के मनमानी और बेतरतीब डंपिंग ढेरों से ऐसा लगता है मानो रायगढ़ शहर बारूद के ढेरों के बीच बसा।यह सच्चाई तो जनता से ज्यादा सरकार जानती है ।उनके पास सारे आंकड़े उपलब्ध हैं। क्या शासन और प्रशासन के लिए यही विकास है?कुछ भी हो पर रायगढ़ जिला अब प्रदूषण के डेंजर जोन में है। यदि जीवन को बचाना है तो रायगढ़ को प्रदूषण से मुक्त करना ही होगा।

चिकित्सकों, वैज्ञानिकों,पर्यावरण विदों,सामाजिक कार्यकर्ताओं, यहां तक कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट एवं चिंता भी स्पष्ट जारी की जा चूकी है ।यह रायगढ़ जिला आज 33 वर्षों में धीरे धीरे बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण के सबसे खतरनाक जोन में तब्दील हो गया है। बच्चे,जवान,बूढ़े सभी श्वास,हृदय, लीवर , कैंसर आदि बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं।बीमारियों का ग्राफ निरंतर तेजी से बढ़ता जा रहा है। यहां तक की पशु पक्षी भी इस क्षेत्र से पलायन करते जा रहे हैं।सम्पूर्ण जैव जगत गंभीर खतरे में है।जीवन और मृत्यु के बीच विकास की गति दशा और दिशा को सब देख रहे हैं।क्या नई पीढ़ी को हम ऐसा जहरीला,प्रदूषित शहर सौंपेंगे?

अब नई सरकार,नया प्रतिनिधित्व और नया साल शुरू हो रहा है। नई आशाएं हैं।मुखिया भी सौम्य , सरल, सहज,और माटी पुत्र किसान हैं।रायगढ़ जिले से जुड़े हुए हैं।संवेदनशील है।नई टीम है।रायगढ़ का लाडला सपूत स्वयं किसान हैं,पूर्व आई ए एस है जिसे रायगढ़ ने बहुत प्यार किया,विश्वास जताया वह पर्यावरण मंत्री हो गए हैं। उनकी समझ,उनका सपना और विजन भी बहुत बड़ा और साफ है।रायगढ़ के खतरनाक प्रदूषण से वाकिफ भी हैं।देखना है कि राजनीति उनका कितना साथ देती है? राजनैतिक षड्यंत्र या माया जाल के शिकार होते हैं या जनसेवा के अपने विजन और संकल्प में शत प्रतिशत सफल होते हैं?चर्चा भी आम हो गई है कि अब सफल होगा प्रदूषण मुक्त जिला बनाने का सपना और संघर्ष।

01 जनवरी 2024 को संघर्षों के प्रणेता ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक जननायक रामकुमार अग्रवाल की 100 वीं जयंती शताब्दी वर्ष है। जन्मदिवस को संघर्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है।*01 जनवरी को प्रदूषण मुक्त जिला बनाओ की मांग को लेकर प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक दो घंटे का सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। समस्त जागरूक प्रबुद्ध नागरिकों की काफी महत्वपूर्ण भागीदारी की संभावनाएं है।यह सही है कि ऐसे पवित्र संघर्ष में एक एक व्यक्ति को अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना भी चाहिए। लोगों में काफी चिंता और आक्रोश भी है । रायगढ़ जिले और जीवन को बचाने के लिए जननायक जयंती शताब्दी वर्ष के ऐतिहासिक पल में दो घंटे के सत्याग्रह में शामिल होना गौरव की बात होगी। जनता भी जन्मशताब्दी वर्ष आयोजन सत्याग्रह के स्वर्णिम इतिहास की साक्षी बनने जा रही ।यही जननायक रामकुमार के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गणेश कछवाहा
रायगढ़ छत्तीसगढ़।
94254 72284

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