राज्य स्तरीय उल्लास मेले में रायगढ़ जिले से 13 सदस्यीय टीम हुई शामिल…शिक्षार्थियों को अक्षर और अंक ज्ञान देने नवाचार प्रयोग की प्रदर्शनी लगाई गई…
रायगढ़, 9 सितम्बर 2024/ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अनुशंसित उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम साईंस कालेज मैदान रायपुर में राज्य स्तरीय उल्लास मेले का उद्घाटन किया। मुख्य मंत्री ने उल्लास साक्षरता अभियान के लिए लगाई गई नवाचारी गतिविधि प्रदर्शनी का उद्घाटन फीता काट कर किया। उन्होंने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और असाक्षरों को अक्षर तथा अंक ज्ञान कराने के लिए यहां प्रदर्शित नवाचारी प्रयोगों की सराहना की। मुख्यमंत्री द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में एक लाख उल्लास साक्षरता केन्द्रों का वर्चुअली लोकार्पण कर दस लाख शिक्षार्थियों को शिक्षित करने का संकल्प दिलाया।
प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शासकीय शिक्षक शिक्षण महाविद्यालय के प्रशिक्षार्थियों द्वारा निर्मित सबके लिए शिक्षा डिजिटल साक्षरता की थीम पर बनी रंगोली की सराहना की। उक्त राज्य स्तरीय कार्यक्रम में रायगढ़ जिले के 13 प्रतिभागियों का दल जिला परियोजना अधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा के अगुवाई में सम्मिलित हुआ। राज्य स्तरीय उल्लास मेले में जिले से 02 नवसाक्षर एवं 02 स्वयं सेवी शिक्षकों के साथ ही नवाचारी गतिविधियों के अंतर्गत टीएलएम की संभाग स्तरीय प्रदर्शनी में विकासखंड धरमजयगढ़ के नवाचारी शिक्षक निरंजन पटेल एवं विकासखंड पुसौर की नवाचारी शिक्षिका ओम कुमारी पटेल ने अपने द्वारा निर्मित टीएलएम का प्रदर्शन किया। बुनियादी, सतत एवं डिजिटल साक्षरता आधारित शैक्षिक सामग्री का अवलोकन सर्वप्रथम शिक्षा सचिव के द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री ने संभाग स्तरीय स्टॉल के अवलोकन के दौरान रायगढ़ के अंकगणित पर आधारित जादुई काड्र्स के संबंध में मुख्यमंत्री ने विस्तार से चर्चा कर प्रशंसा की। रायगढ़ जिले के स्टाल में काड्र्स व कट-आउट्स के माध्यम से वर्ण और अंकों का बुनियादी ज्ञान तथा कौशल के साथ साक्षर बनाने के गतिविधियों पर आधारित टीएलएम का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी के माध्यम से खेल-खेल में वर्ण ज्ञान नवसाक्षरों के लिए माडल प्रदर्शित किए गए। प्रदर्शनी में छतरी के माध्यम से वर्ण व अंक ज्ञान का नवाचार का प्रदर्शन किया गया। उल्लास कार्यक्रम पर केन्द्रित संभाग के अनुसार प्रत्येक जिले की प्रदर्शनी लगाई गई थी। उक्त प्रदर्शनी में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को शिक्षार्थियों तक पहुंचाने के लिए अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेस, नवाचारी गतिविधियों, वातावरण निर्माण एवं विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया था। प्रत्येक जिले से 02 स्वयंसेवी शिक्षकों एवं 02 शिक्षार्थी जिन्होंने सफलतापूर्वक अध्ययन किया हो जिनकी जिन्दगी में बदलाव आया हो ऐसे शिक्षार्थियों का सम्मान उल्लास मेले के दौरान किया गया।