मोहन जूटमिल : मजदूरों को बेघर होने से बचाने जितेंद्र निषाद मिले वित्त मंत्री ओपी चौधरी से, आवेदन देकर की निवेदन

रायगढ़ । छत्तीसगढ़ की रायगढ़ स्थित एकमात्र जूट मिल मोहन जूटमिल को बंद हुए दो दशक से अधिक समय बीत चुका है। बताया जा रहा है कि जूट मिल की अधिकांश संपत्ति को ठिकाने लगा दिया गया है । परंतु , दो दशक के बाद भी अभी तक जूट मिल में काम करने वाले मजदूरों की बकाया राशि और पेंशन की राशि उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुई है । ज्ञात हो कि आज से करीब 50 वर्ष पूर्व मिल के मजदूरों के रहने के लिए जूट मिल प्रबंधन द्वारा लेबर कॉलोनी बसाई गई थी जिसमें मिल में काम करनेवाले मजदूर रहते थे । मिल के बंद होने के बाद अब भी लगभग 350 कर्मचारी और उनके परिजन जूट मिल लेबर कॉलोनी में रह रहे हैं । ये वे मजलूम हैं जिनकी बकाया राशि का भुगतान जूट मिल प्रबंधन द्वारा अबतक नहीं किया गया है। मोहन जूट मिल प्रबंधन ने मिल की संपत्तियों को चुपचाप ठिकाने लगाने की अपनी हरकत जारी रखी है । इसी कड़ी में , जूट मिल प्रबंधन द्वारा लेबर कॉलोनी की जमीन भी गुपचुप तरीके से बेच दिए जाने की जानकारी मिली है । कॉलोनी से मजदूरों और उनके परिजनों को निकालने के लिए असामाजिक तत्वों दबाव बनाए जाने की बात सामने आई है। मजदूरों को लगातार मजदूर आवास को खाली करने के लिए डराया धमकाया जा रहा है । घरों को तोड़ने और मजदूरों को बेघर कर जमीन पर कब्जा करने की साजिश को अंजाम देने की बात सामने आ रही है ।
- जितेंद्र निषाद ने रायगढ़ विधायक एवम वित्त मंत्री ओपी चौधरी से लगाई गुहार, बने मजदूरों की आवाज
मोहन जूट मिल लेबर कॉलोनी को असामाजिक तत्वों द्वारा खाली करवाए जाने के खिलाफ भाजपा नेता जितेंद्र निषाद लामबंद हो गए है। जितेंद्र निषाद बुधवार को रायपुर में वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की। और रायगढ़ विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से इस मामले में दखल देने की गुजारिश की है । भाजपा उपाध्यक्ष , दक्षिण मंडल के लोकप्रिय युवा नेता जितेंद्र निषाद ने लेबर कॉलोनी के मजदूरों और उनके परिजनों के दुख दर्द को समझते और महसूस करते हुए उनकी ओर से आवाज उठाई है । उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को आवेदन देकर इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए मजदूरों को बेघर होने से बचाने की गुजारिश की है और न्यायोचित कार्यवाही करने की अपील की है ।


