बिजली विभाग के ग्रिड से जुडऩे से अब सौर ऊर्जा से बनी बिजली नहीं होती व्यर्थ, बल्कि दे रही आर्थिक लाभ

रायगढ़, 1 जुलाई 2025/ सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने की तकनीक तो लंबे समय से चल रही है। लेकिन उस बिजली का पूरा उपयोग समय से नहीं हुआ तो अतिशेष बिजली व्यर्थ हो जाती थी। लेकिन पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने इस समस्या का समाधान दिया है। अब छत पर लगे सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली में से उपयोग के बाद बची बिजली विद्युत विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर हो जाती है। इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ भी मिलता है। जितनी यूनिट बिजली वे ट्रांसफर करते हैं उतनी राशि उन्हें बिल में छूट के रूप में मिलती है। योजना के कई हितग्राहियों के हजारों के बिल घटकर शून्य से नीचे जा चुके हैं।
रायगढ़ कोड़ातराई के दीपक देवांगन ने अपने घर पर रूफटॉप सोलर पैनल लगवाया है। उन्होंने बताया कि परिवार में 6 सदस्य हैं। घर में घरेलू उपकरण के साथ एसी और कूलर है। 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाया है। जिसके बाद उन्हें अपने बिल में फर्क साफ तौर पर नजर आया। अप्रैल 2024 में उनका बिजली बिल 3790 रुपए था। सोलर पैनल लगने के बाद उन्होंने 3177 रूपये की बिजली विभाग को ट्रांसफर की। वहीं विभाग से अपनी जरूरत के लिए ली गई बिजली की राशि 2256 रूपये रही। जो विभाग को बेची गई बिजली के पैसे से समायोजित हो गई और 921 रूपये अतिरिक्त विभाग के पास बच गए जो इस बिल में माइनस में दर्ज होकर आया है, इसका उपयोग भविष्य में विद्युत विभाग से बिजली लेने पर समायोजित हो जाएगा। दीपक देवांगन कहते हैं कि यह बहुत अच्छी योजना है। इसके दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम हैं। घर पर बिजली पैदा होने से विद्युत विभाग की बिजली की खपत घटेगी और ज्यादा प्रोडक्शन का दबाव कम होगा। जितने अधिक घरों में सोलर यह सिस्टम लगेगा उसका असर उतना व्यापक रूप से दिखेगा। यह पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से भी अत्यंत प्रभावी है।
ग्रिड में ट्रांसफर होने से बिजली नहीं होती व्यर्थ, उपभोक्ता को मिलता है सीधा आर्थिक लाभ
सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि यह विद्युत विभाग के ग्रिड से जुड़ा होता है। जिससे सोलर प्लेट्स से बनी अतिशेष बिजली ग्रिड में ट्रांसफर हो जाती है। पहले ऑफग्रीड सोलर पैनल में ऐसा नहीं होता था। सोलर पैनल की बिजली उसमें कनेक्टेड इनवर्टर की बैटरी में स्टोर होती थी और उसकी लंबी लाइफ नहीं थी। लेकिन सीधा ग्रिड से जुड़े होने के कारण अब बिजली तुरंत ट्रांसफर हो जाती है और उसका आर्थिक लाभ उपभोक्ता को मिलता है। इसके अलावा अभी जो सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं उनमें बिजली उत्पादन क्षमता पहले से कहीं ज्यादा है। 01 किलोवॉट का पैनल औसतन 4 यूनिट तक बिजली प्रतिदिन पैदा कर सकता है।