सर्पदंश से बचाव और त्वरित इलाज हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

रायगढ़, 18 जुलाई 2025/ कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देश एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार जगत के मार्गदर्शन में आज राष्ट्रीय सर्पदंश विषाक्ता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला स्वास्थ्य कार्यालय के आरोग्यम सभा कक्ष में आयोजित हुई।
मानसून के दौरान सर्पदंश के मामलों में वृद्धि को देखते हुए यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया। आमतौर पर ग्रामीण अंचलों में लोग सर्पदंश की स्थिति में पहले झाड़-फूंक या जड़ी-बूटी का सहारा लेते हैं, जिससे समय पर उचित चिकित्सा न मिलने से जान का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति को बदलने और आमजन को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह पहल की गई है। प्रशिक्षण में जिले के संवेदनशील विकासखंड लैलूंगा, धरमजयगढ़, घरघोड़ा और तमनार में तैनात समस्त खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने अधीनस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में एन्टी-स्नेक वेनम और अन्य आवश्यक संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही मितानिनों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए कि सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक में समय गंवाने के बजाय तुरंत अस्पताल जाकर इलाज कराएं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. विकास शर्मा एवं डॉ. सुमित कुमार (मास्टर ट्रेनर) ने सर्प की पहचान, सर्पदंश के लक्षण, प्राथमिक उपचार, समय रहते प्रभावी इलाज एवं प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह भी बताया गया कि जिले के समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी-स्नेक वेनम उपलब्ध है। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भानु पटेल, नोडल अधिकारी डॉ. केनन डेनियल, श्री शैलेन्द्र मंडल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री रंजना पैंकरा एवं एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. कल्याणी पटेल सहित समस्त विकासखंडों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स एवं आर.एम.ए.उपस्थित रहे। स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और जीवन को सुरक्षित रखें।