बाघाडोला शासकीय उद्यान रोपणी में आम फसल पैदावार घटी…एनटीपीसी के प्रदूषण का मार झेल रहा यह बागान…दो साल पहले यहां का चौसा आम छत्तीसगढ़ में रहा टॉप पर

रायगढ़ । रायगढ़ जिले के बाघाडोला उद्यान रोपणी में इस बार आम के फसल पैदावार कम हो गया है। आम के साइज़ में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। आम फसल तो है मगर बढ़ नहीं पा रहे है। अभी दशहरी आम पकने की स्थिति में है। इस बागान को ठेका दिया गया है। उद्यान अधीक्षक एस एस सिंह ने बताया कि दो साल पहले यहां का चौसा आम फसल उत्पादन तथा मिठास में पूरे छत्तीसगढ़ में टॉप पर रहा तथा पुरस्कृत भी किया गया था।लेकिन इस बार इस रोपनी में आम का पैदावार काफी घट गया है। मिठास भी नहीं है तथा यहां का जल स्तर भी पिछले दिनों 200 फीट था अब 250 फिट नीचे चला गया है। जल स्तर घटने का कारण बाघाडोला तालाब का सुख जाना तथा खासकर पुसौर ब्लाक में बोर खनन सौ मीटर दूरी पर एक बोर होना तथा इससे धान की फसलें लगाई गई है जिसके कारण जल स्तर काफी नीचे चला गया है। उद्यानिकी फसलों में पानी की कमी भी इसके पैदावार को प्रभावित करती है। उद्यान अधीक्षक एस एस सिंह ने बताया कि एनटीपीसी लारा के प्रदूषण जो दिन में तो नहीं रात के समय में इन पेड़ों में परत दर परत जम जाती है जिसके कारण प्रभावित हो रहा है। आम के मोर इस बार काफी देरी से आया था जबकि यह अमूमन दिसंबर माह में आ जाती है। प्रदूषण के कारण आम जब पकने वाली होती है तब काला डस्ट धीरे अंदर की ओर जाती है और आम को काला कर सड़ा देती है। सिंह का यह भी कहना है कि इस क्षेत्र में लाल ईंट भट्टा के कारण भी आम के फसलों में पैदावार प्रभावित होने के मुख्य कारण है। बाघाडोला नर्सरी में लंगड़ा , चौसा,दशहरी ,आम्रपाली जैसे आम के अलग अलग वैरायटी उपलब्ध है।

