
रायगढ़ । कांग्रेस के सक्रिय किसान नेता लल्लूसिंह से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।रायगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मीडिया को अपने इस्तीफा देने का कारण बताते हुए कहा कि मैंने डॉक के माध्यम से अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रायगढ़ को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भेज दिये हैं। उन्होंने कहा है कि वह एक जमीनी कार्यकर्ता हैं लेकिन पार्टी उंन्हे तवज्जो नहीं दे रही है।
नेतनागर में पिछले दिनों किसानों की जमीन पर प्रशासन द्वारा खड़ी फसल को रौंदते हुए नहर निर्माण कराया गया था ,इसका विरोध व आंदोलन लल्लूसिंह के नेतृत्व में किसानों ने किया था लेकिन पार्टी की ओर से आंदोलन का साथ नही मिला वही आप ,भाजपा व शिवसेना ने मुखर होकर पीड़ित किसानों का साथ दिया और आवाज बुलंद की थी वही कांग्रेस की ओर से शुरुआत दौर में प्रकाश नायक विधायक ने कमर तो कसी लेकिन ढीले पड़ गए ।ऐन वक्त का फायदा भाजपा ने उठाया और आंदोलन में किसानों का साथ दिया ।हालांकि आप व शिवसेना ने भी इसका विरोध किया था। नेतनागर में चली किसान आंदोलन के बाद से कांग्रेस ने लल्लूसिंह सिंह से किनारा करने लगी ।उंन्हे तवज्जो तक नही दी गयी । लल्लूसिंह पुसौर जनपद के एक सधे हुए जमीनी किसान नेता हैं।किसानों जुड़ी समस्याओं को वे पार्टी में भी उठाते रहे हैं। लगभग 40 साल से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़कर किसानों की आवाज बनकर झंडा उठाते आये हैं। कांग्रेस से नाराजगी स्वाभाविक है, इतने समय देने के बाद उन्हें पार्टी द्वारा दरकिनार किया जाना निश्चित रूप से उन्हें ठेस पहुंची और वे सोसल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा उकेरते रहे हैं। सही भी है अगर कही सम्मान न मिले तो वहाँ रहना उचित भी नही है। यह तो सत्य है पार्टी के प्रति उनकी वफादारी ने ही उन्हें आगे बढ़ने से रोका है।
आगामी कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं ,ऐसे में लल्लूसिंह किस पार्टी का झंडा उठाएंगे यह तो कुछ दिनों बाद स्थिति साफ हो जायेगा।उनके साथ आप के लोग भी संपर्क में और भाजपा के भी । यह तो तय है कि लल्लूसिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी को घाटा तो होगी ही ,नेतनागर व आस पास के गांवों में उनकी अच्छी पूछ परख भी है। वे सक्रिय कार्यकर्ता है जो हर किसी के दुःख सुख में पहुचते है। सोसल मीडिया जैसे प्लेटफार्म में भी हमेशा सक्रिय नजर आते हैं।