ऑयल पॉम की खेती

मेगा ऑयल पॉम प्लांटेशन ड्राइव से जुड़ रहे किसान…घरघोड़ा के बरौनाकुंडा में 6 किसान 20 एकड़ में लगा रहे ऑयल पॉम…एक एकड़ में प्रतिवर्ष 1 लाख तक होती है आमदनी…पौधों का हो रहा नि:शुल्क वितरण, खेत से ही खरीद ली जाएगी उपज…किसानों ने कहा इंटरक्रापिंग से होगा दोहरा फायदा

रायगढ़, 8 जुलाई 2025/ केंद्र पोषित नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल ऑयल पॉम योजना अंतर्गत जिले में चल रही मेगा प्लांटेशन ड्राइव से किसानों को ऑयल पॉम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रायगढ़ में किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं। घरघोड़ा विकासखंड के बरौनाकुंडा में 6 किसानों ने 20 एकड़ में ऑयल पॉम के पौधे लगा रहे हैं। जिनमें श्री सुरजित सिंह राठिया, पवन साय राठिया, सगुन साय राठिया, श्रीमती जेमाबाई राठिया, जैनकुंवर राठिया तथा मोचन साय राठिया शामिल हैं।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑयल पॉम पौध रोपण के 03 से 04 वर्ष बाद फलन प्रारंभ होने पर प्रति एकड़ 60 हजार रूपये तथा पौधों के बढ़ते उम्र में अधिक उत्पादन से 1 लाख रूपये तक की आमदनी कृषकों को लगातार 25 से 30 वर्षों तक प्राप्त होगी। जिला रायगढ़ में ऑयल पॉम की खेती हेतु गोदरेज एग्रोवेट कंपनी से शासन का अनुबंध हुआ है। अनुबंध के तहत कंपनी द्वारा प्लांटिंग मटेरियल के रूप में प्रति एकड़ 57 ऑयल पॉम पौध (किस्म टेनेरा हाईब्रीड) कृषकों को पहुंचा कर प्रदाय किया जा रहा है। जो कि योजना अंतर्गत अनुदान स्वरूप नि:शुल्क होगा। 05 एकड़ से अधिक निजी भूमि में ऑयल पॉम पौध रोपण करने वाले कृषकों को बोरवेल खनन हेतु 50 हजार रूपये तथा रोपित पौधों के रखरखाव हेतु 04 वर्षों तक प्रति वर्ष 5250 रूपये एवं 09 मीटर की दूरी पर रोपित पौधों के बीच रिक्त भूमि में अंतरासस्य खेती के लिए 04 वर्षों तक प्रति वर्ष 5250 रूपये अनुदान प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुबंधित कंपनी द्वारा ऑयल पॉम फल (फ्रेश फूट बंच) को कृषक के खेत से ही शासन के अनुमोदित दर पर क्रय किया जाएगा।
किसान सगुन साय राठिया ने बताया कि उन्होंने पांच एकड़ में आयल पाम लगा रहे है। इसके लिए नि:शुल्क पौधे प्रदान किए गए है। साथ ही उद्यानिकी विभाग से योजना के तहत पौधों की देखभाल के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयल पाम पौधे एक अंतराल में लगाए जाते है। जिससे पौधों के बीच की जगह पर दूसरी फसल लगायी जा सकती है। उनकी योजना मूंगफली लगाने की है। इसी प्रकार गांव के किसान पवन साय राठिया ने बताया कि 6 एकड़ में आयल पाम के 300 से अधिक पौधे लगा रहे है। यह एक लम्बे समय तक आमदनी देने वाली प्रजाति है। आयल पाम की बीच दूसरी फसल लगाने से किसानों को दोहरा लाभ होता है। शासन की योजना से पौधे नि:शुल्क मिले तथा अनुबंधित कंपनी द्वारा खेत से ही उपज खरीद ली जाएगी। यह किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है।

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