सहायक शिक्षक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार ने अब तक नही किया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन, सफल अभ्यर्थी उतरे सड़क पर

रायगढ़। छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति का विवाद पिछले 01 साल से लंबित था ।छग उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार के विरुद्ध अभ्यर्थियों के पक्ष को सही ठहराया था । परंतु प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील की थी । उच्चतम न्यायालय में उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराते हुए प्रदेश सरकार की याचिका को खारिज करते हुए पूर्ण रूप से निस्तारित कर दिया । दरअसल 02 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि बी.एड. डिग्री धारियों कीसहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति असंवैधानिक है,अतएव मेरिट सूची को 2019 भर्ती नियम अनुरूप केवल योग्य डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची पुनर्निर्धारित करते हुए नियुक्ति दी जाए। साथ ही यह समस्त प्रक्रिया आदेश जारी (02/04/2024) के 06 सप्ताह के भीतर पूरी की जाए। इसके पश्चात भी विभाग द्वारा आदेश पालन नहीं किया गया और समय समाप्त होने के बाद आदेश को मान. सर्वोच्च न्यायालय में याचिका (DIARY No. 23565/2024 & 37276/2024) के माध्यम से चुनौती दी गई, साथ ही NAVEEN
KUMAR v/s STATE OF CG ( DIARY No. 17948/2024) व अन्य 5 अलग अलग याचिका अलग अलग समय पर लगाई गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 15 जुलाई 2024 को राज्य सरकार की SLP ( DIARY No. 23565/2024 ) पर सरकार को निर्देशित किया गया था कि छग उच्च न्यायालय के आदेश की पालन की जाए, जिसे भी विभाग द्वारा नजरंदाज करते हुए पालन नहीं किया गया ।माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अगस्त 2024 को समस्त याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई (लगातार 04 घंटा) करते हुए 02 अप्रैल 2024 के छग उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए समस्त पेंडिंग याचिकाओं को खारिज कर अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया । इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है । इसे लेकर अब्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के 28 अगस्त 2024 को दिए गए फैसले पर शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही हेतु विभाग को निर्देशित करे और डी. एड. अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति प्रदान करे । अभ्यर्थियों के संघ का कहना है कि न्यायालय के आदेश के 20 दिवस बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है, अगले 10 दिवस में भी यदि आदेश अनुसार कोई कार्यवाही नही होती है, तब हम वृहद और सांविधानिक दायरे में रहकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के लिए विवश होंगे।


