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रायगढ़ विधानसभा के लिए कांग्रेस से विधायक पद के लिए कई दावेदार, इसमें पूर्व मंत्री केके गुप्ता के पुत्र हो सकते है सब के काट, पोस्टर और ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे से होने लगी चर्चा, क्यों बन रहा है समीकरण….

रायगढ़। यह है चुनावी वर्ष 2023 जहां विरोध का बिगुल बजना स्वाभाविक बात है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार में है, तथा उसमें एक मत हमारे रायगढ़ से भी है परंतु उसके पश्चात भी कांग्रेस में कई विधानसभा प्रत्याशी की दावेदारी का होना रायगढ़ में कांग्रेस को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा? खैर राजनीति है हमें क्या? फिर भी दो मंजे हुए राजनीतिज्ञों को पराजित करने वाले युवा विधायक प्रकाश नायक को विधायक रहते हुए साढे 4 साल चरण वंदन कर रायगढ़ के नायक के रूप में प्रस्तुत करने वाले साथियों को क्या 2023 में भरोसा नहीं है? अपने नायक पर, राज्य में सरकार होने तथा स्थानीय कांग्रेसी विधायक होने के पश्चात् इन्हें अपना रौब जमा कर शासन सत्ता का हवाला देना क्या गैर चुनावी वर्षों के लिए ही था ?यह सोच का विषय मालूम पड़ता है 2018 के चुनाव ने ही तय कर दिया था प्रकाश नायक का कद।
अब विरोध यह कैसी राजनीति ?
शायद कुछ चूक हुई हो पर माननीय पूर्व मंत्री जी के सुपुत्र प्रकाश नायक जी के परिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि का लाभ तो बेशक रायगढ़ वासियों को मिलना तय है, क्योंकि राजनीति रगों में समाई हुई जो है ,फिर भी अगर राजनीतिक दृष्टिकोण से आंकलन पर अगर विधायक खरे नहीं उतरते हो तो बात अलग है। यह पार्टी का विषय है? कार्यकर्ताओं का नहीं,यह माना जा सकता है कि उस वक्त क्या कोई मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी का पदार्पण होना संभव है ?शायद हो? क्या रायगढ़ को सभी दृष्टिकोण से समझने वाला प्रत्याशी होना चाहिए? रायगढ़ की हित की बात करें तो हां ,तभी रायगढ़ का गौरव बरकरार रहेगा लेकिन वह शख्स होगा कौन? क्या है रायगढ़ में कोई ऐसा? जिनका परिवार राजनीति को ही समर्पित कर रायगढ़ विकास में अहम भूमिका निभाई हो सत्ता के गलियारों की सुगबुगाहट व रुख तो अभी स्पष्ट नहीं है, किंतु अविभाजित मध्य प्रदेश के मंत्री तथा रायगढ़ में 25 वर्ष तक कांग्रेश को संभाले रखने वाले कृष्ण कुमार गुप्ता के एक पोस्टर में खलबली मचा दी है। जिसमें स्पष्ट शब्दों पर लिखा हुआ है तैयार हम उसमें कृष्ण कुमार गुप्ता जी के साथ-साथ उनके सुपुत्र अरुण गुप्ता जी की फोटो लगी है जानकारों यह मानना कि अगर गुप्ता जी का परिवार अगर रायगढ़ में सक्रिय होता है तो शायद कांग्रेस को मजबूती प्रदान करें? क्योंकि एक बहुत बड़ी कार्यकर्ताओं की टीम जो लगभग विलुप्त हो चुकी है वह शायद गुप्ता जी के आने के बाद में फिर से सक्रिय हो, जिसका लाभ रायगढ़ कांग्रेस को मिले और भी बहुत कुछ कयास लगाए जा रहे हैं,जो समय के गर्भ में समाए हुए है। रायगढ़ सत्ता में शामिल होगा या विपक्ष में यह आने वाला चुनाव तय करेगा।

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