महापल्ली विद्यालय में पदस्थ चपरासी मकरध्वज प्रधान हुए सेवानिवृत , शालेय स्टाफ और एस. एम. डी. सी. के सदस्यों ने दी भावभीनी विदाई

रायगढ़। आज 31 मई को हेमसुंदर गुप्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महापल्ली के प्रांगण में शाला के चपरासी मकरध्वज प्रधान को उनके अधिवार्षिकी पूर्ण करने पर शालेय स्टाफ और शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भावभीनी विदाई दी। प्रातः 10 बजे शाला प्रांगण में आयोजित सादे किंतु गरिमामई आयोजन में उन्हें विदाई देते हुए शालेय स्टाफ भावविभोर हो गया। अभिनन्दन पत्र व्यायाम शिक्षक विजय चौहान ने पढ़कर सुनाया तथा प्राचार्य महोदया ने इसे मकरध्वज प्रधान को सादर भेंट किया।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोड़ातराई में मकरध्वज प्रधान की पहली पोस्टिंग हुई थी, इसके बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पतरापाली पूर्व में एक साल सेवा देने के बाद अपने गृहग्राम महापल्ली विद्यालय में लगभग 18 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी। स्कूल में शिक्षकों और छात्रों के बीच आपकी मधुरमय संबंध रहा है। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के दस दिवसीय शिविर हो या फिर स्कूल के शासकीय कार्यक्रम मकरध्वज प्रधान के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। चपरासी के कर्तव्यों के साथ साथ विद्यालय के प्रति आपकी अभिरुचि ही कहे कि आप स्कूल की साफ सफाई,बच्चों में अनुशासन के लिए जागरूक करने जैसे मार्गदर्शन शालेय स्टाफ को मिलता रहा है। अधिवार्षिकी पूर्ण करने पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्राचार्य जे सुजाता राव ने कहा कि मकरध्वज प्रधान चपरासी ही नहीं हमारे लिए मार्गदर्शक भी रहे हैं। शालेय अव्यवस्था को लेकर भी वह सजग कराते रहे । कार्यक्रम में सबसे पहले विद्यालय के अधिष्ठाता स्वर्गीय हेमसुंदर गुप्त जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया तत्पश्चात माता सरस्वती वंदना के साथ मकरध्वज प्रधान जी को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पतरपाली पूर्व के व्याख्याता डॉ नरेंद्र पर्वत , लोईंग विद्यालय के प्राचार्य मिश्रा जी , एस एम डी सी के अध्यक्ष टीकाराम प्रधान, सरपंच श्रीमती तपस्विनी किसान सहित शालेय स्टाफ और सदस्यों ने मकरध्वज प्रधान को उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में एस एम डी सी के सदस्य दशरथ गुप्ता, शेष चरण गुप्त,रमेश गुप्ता , हरिबंधु सा, जीवन मेहर ,सरपंच श्रीमती तपस्विनी किसान, सेवा निवृत शिक्षक भ्रमर भोय, हरिअर्जुन यादव सहित संभ्रांत लोगों की उपस्थिति रही ।





