Uncategorized

चक्रधर समारोह की जिम्मेदारी संगीत अकादमी रायपुर को सौंपी जानी चाहिए = गणेश कछवाहा


चक्रधर समारोह की जिम्मेदारी संगीत अकादमी रायपुर को सौंपी जानी चाहिए = गणेश कछवाहा


चक्रधर समारोह,किसी राजा की स्मृति में नहीं बल्कि एक कला मर्मज्ञ,कला प्रेमी चक्रधर सिंह के संगीत कला में अद्वितीय योगदान को चीर स्थाई बनाने के उद्देश्य से तत्कालीन सांसद रायपुर व सर्वोदयी नेता केयूर भूषण की प्रेरणा से आयोजन की शुरुआत संगीत कला साहित्य प्रेमियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने मिलकर किया था ।जिसके अध्यक्ष क्रमशः साहित्य वाचस्पति छायावाद के प्रवर्तक,पद्मश्री पंडित मुकुटधर पाण्डे ,संविधान निर्माता बोर्ड के सदस्य प्रथम सांसद स्वंत्रता संग्राम सेनानी पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आयकर सलाहकार रजनीकांत मेहता जी थे,समारोह ने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय ख्यात प्राप्त की राज्य का गौरव गरिमा का प्रतीक बना।*

आयोजनकर्ताओं के अथक प्रयास से भारत सरकार ने सन 1986 से दो दिवसीय चक्रधर समारोह की शासकीय मान्यता दी और उस्ताद अल्लाउद्दीन खां संगीत अकादमी भोपाल मध्य प्रदेश को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।मंच तथा प्रचार सामग्री में राजा वाली तस्वीर न हो कर एक कला सम्राट तबला वादक की तस्वीर रखी जाती थी।शुद्ध कला का आयोजन सुनिश्चित किया जाता था।उल्लेखनीय है कि इसमें राजपरिवार का कोई योगदान नहीं था।

कला प्रेमी चक्रधर सिंह के कला अवदानों को चिरस्थाई बनाने हेतु लाखो करोड़ों खर्च कर सरकार आयोजन कर रही है।कला सम्राट चक्रधर सिंह के सांगीतिक एवं साहित्यक ग्रंथ सरकार की सांस्कृतिक धरोहर है।संगीत जगत व प्रबुद्ध नागरिकों की लगातार मांग रही है उसे सरकार को संगीत साहित्य जगत के लिए सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ी इतिहास से अवगत हो सके और शोध अनुसंधान कर उसे और अधिक समृद्ध व उन्नत कर सके।आयोजन के लगभग 38 वर्ष हो गए लेकिन इस संदर्भ में भी राजपरिवार के सदस्यों द्वारा अभी तक कोई यथायोग्य सहयोग नहीं दिया।

यह उल्लेखनीय है कि सन 1947 आजादी के बाद तथा रियासत के विलीनीकरण के बाद हम स्वतंत्र देश के नागरिक हैं।हम गुलाम नहीं है।अब कोई राजा रानी और रियासत के प्रजा हम नहीं हैं।इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा तथा शहादतें दी,सरकार ने पीवी पर्स और प्रोटोकाल तक को समाप्त (withdraw) कर दियाहै।कलेक्टर(आई ए एस) को अच्छी तरह जानकारी होगी समस्त दस्तावेज शासन के पास मौजूद है।यह सरकार को और जनता दोनो को समझना होगा कि अब देश आज़ाद है,कोई राजा,रानी ,महाराजा और प्रजा नहीं है,कोई गुलाम नहीं है।

शासन को यह भी समझना चाहिए कि जब छत्तीसगढ़ राज्य में संगीत साहित्य अकादमी का गठन हो चुका है तो समरोह के आयोजन की जिम्मेदारी “संगीत अकादेमी” को सौंपनी चाहिए।संस्कृतिकर्मियों का यह मानना है कि संगीत अकादमी को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपने से समारोह की जहां मौलिकता, प्रयोगधर्मिता,उन्नत शिलताऔर गौरव गरिमा बढ़ेगी वहीं प्रशासन पर से अतिरिक्त भार कम होगा, जनता को होने वाली असुविधा से भी राहत मिलेगी,प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी और जनता के हितों की रक्षा होगी।अतः चक्रधर समारोह की जिम्मेदारी संगीत अकादमी रायपुर को सौंपा जाना चाहिए।

गणेश कछवाहा
संस्थापक सदस्य
चक्रधर समारोह,रायगढ़ छत्तीसगढ़।
प्रवास – पुणे महाराष्ट्र
95255 72284
gp.kachhwaha@gmail.com

Latest news
तबले की थाप पर झूम उठा रायगढ़, सुप्रसिद्ध तबला वादक दीपक दास महंत ने बिखेरा अद्भुत संगीतमय जादू चक्रधर समारोह 2025...भारतनाट्यम की अद्भुत छटा बिखेरकर चेन्नई कलाक्षेत्र फाउंडेशन ने बांधा समां...तिल... चक्रधर समारोह 2025 : सातवें दिन दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ, ‘दिव्य धरोहर’ पुस्तक का विमोचन जागरूकता : एसपी कार्यालय से रवाना हुआ “साइबर जागरूकता रथ”, नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को किया जाएगा ... अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा में चर्म रोगों के ईलाज हेतु आयोजित निःशुल्क शिविर में मिला 94 मरीजों को ल... साइबर अपराध के म्यूल एकाउंट गिरोह पर रायगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, सक्ती जिले से दो आरोपी गिरफ्तार.... चक्रधर समारोह 2025...सचिन कुम्हरे की कथक प्रस्तुति महाराज चक्रधर सिंह को समर्पित केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले 3 सितंबर को चक्रधर समारोह में शामिल होने पहुंचेंगे रायगढ़ महिलाओं के सम्मान में महिला मोर्चा मैदान में...महिला मोर्चा ने कहा राहुल गांधी ने किया महिलाओं का अप... चक्रधर समारोह 2025 : रायगढ़ में अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ...रा...