बुनगा में आयुर्वेद विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का किया जाता है आयोजन

बुनगा में आयुर्वेद विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन
रायगढ़।
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजय नायक ने बताया कि आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बुनगा में विभिन्न गतिविधि का संचालन लगातार किया जा रहा है। बुनगा में हर मंगलवार को साप्ताहिक बाजार में आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाता है जिसमें आयुर्वेद पद्धति द्वारा उपचार कर निशुल्क औषधि वितरण किया जाता है । स्वास्थ्य मेला में काढ़ा पिलाया जाता है, बीपी एवम शुगर जांच किया जाता है। हर मंगलवार को लगभग 100 से ऊपर लोग आकर मेला का लाभ उठाते हैं । हर्बल गार्डन में लगभग 150 औषधि पौधा लगाया गया है जिसको मेला में आए हुए लोगों को ग्रामीण जनों को एवम स्कुली बच्चों को पहचान कराना गुणधर्म बताना एवम घरेलू उपचार के लिए प्रेरित किया जाता है । दुलामणि रजक योग शिक्षक के द्वारा प्रतिदिन योगाभ्यास करवाया जाता है। आसपास के स्कूलों में एकदिवसीय योग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ।आसपास के गांवों में निशुल्क चिकित्सा शिविर का अयोजन किया जाता है जीवन शैली में बदलाव हेतु हर माह एक सत्र का आयोजन किया जाता है जिसमें लोगों को आयुर्वेद के नियमों के हिसाब से खान पान दिनचर्या ऋतुचर्या रात्रिचर्या के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है हर माह बुनगा के 4 स्कूल में स्कुल हेल्थ चेकअप किया जाता है । हर गुरुवार को वृद्ध जनों की सेवा हेतु सियान जतन क्लीनिक का आयोजन किया जाता है जिसमें लगभग 20 से 30 वृद्ध लोगों का इलाज किया जाता है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को भी लगातार प्रशिक्षण दिया जाता है एवम आर्युवेद विधा से जोड़े रखा गया है ।उक्त विभन्न कार्यक्रम में डीडीसी आकाश मिश्रा, सरपंच कस्तूरी सिदार, भोजकुमार मालाकार फार्मेसिस्ट राजेश साव, ग्रहण मैत्री, नंदिनी पटेल सी एच ओ, भानु पटेल, असीम मिश्रा, विजय पटेल, दयानंद पटेल, सुरेश सोनी, प्रेम बाई, सुमित्रा संध्या साव, हरिप्रिया, खिरमती रामेश्वरी, अनीता चौहान, पदमा मेहर एवं सभी मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका का सक्रिय योगदान दिया जाता है। डीडीसी आकाश मिश्रा जी ने बताया कि जब से डॉक्टर अजय नायक जयपुर से एमडी करके वापस आएं हैं शासन की योजना को लगातार सक्रिय रूप से एवम अथक परिश्रम करके लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं डॉक्टर साहब के कार्य से ग्रामीण जन एकदम खुश हैं एवम आर्युवेद विधा को अच्छे से जानने लगे हैं जो कि विभाग के लिए बहुत अच्छी उपलब्धि है

