जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज, तय प्रक्रिया का लाभ लेकर बनवा सकते हैं सर्टिफिकेट…सिर्फ ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय एवं शासकीय अस्पताल को जन्म मृत्यु के पंजीयन के लिए किया गया है अधिकृत…फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने से बचें

रायगढ़, 18 अक्टूबर 2024/ आज जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एक अति आवश्यक दस्तावेज बन गया है। स्कूल में दाखिला से लेकर, आधार कार्ड बनवाने, बीमा क्लेम और जमीन जायदाद के वारिसान तय करने में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र ही वैध दस्तावेज माना जाता है। इसलिए इसे बनवाने में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। बच्चे के जन्म अथवा परिजन के मृत्यु होने पर 21 दिवस के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना बिलकुल नि:शुल्क है।
प्रमाण पत्र के लिए ऐसे आवेदन करें-
अगर जन्म या मृत्यु घर पर हुआ है तो अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव एवं नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका अधिकारी को लिखित अथवा मौखिक में सूचना दें। अगर जन्म या मृत्यु किसी शासकीय अथवा निजी अस्पताल में हुआ है तो अस्पताल के प्रभारी ही रजिस्ट्रार को घटना की सूचना दे देंगे। सूचना प्राप्त होने पर रजिस्ट्रार द्वारा घटना के सत्यता की जांच कर 2 सप्ताह के भीतर नि:शुल्क जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। अगर जन्म या मृत्यु घर पर हुआ है और 21 दिवस के बाद रजिस्ट्रार को इसकी सूचना दिया जाये तो मामूली शुल्क (अधिकतम राशि 15 रूपये) लिया जाकर साथ में पंचनामा, शपथ पत्र आदि के आधार पर सक्षम अधिकारी से अनुज्ञा प्राप्त होने पर ही पंजीकरण किया जाता है। यदि सूचना 21 से 30 दिन के भीतर दी जाये तो रजिस्ट्रार (ग्राम पंचायत सविच अथवा नगर पालिका अधिकारी) से, 31 से 365 दिन में जिला रजिस्ट्रार (जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी) से एवं 365 दिन के बाद के घटना के लिए तहसीलदार से अनुज्ञा प्राप्त किया जाना होता है। जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के वेबसाईट dc.crsorgi.gov.in द्वारा आनलाईन माध्यम से भी आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र पुराने समय में जारी हुआ हो और हस्तलिखित हो तो राशि 05 रूपये का भुगतान कर संबंधित रजिस्ट्रार से डिजीटल प्रमाण पत्र बनवाया जा सकता है।
फर्जी प्रमाण पत्र से बचें
ऐसे कुछ मामले संज्ञान में आये हैं कि जानकारी के आभाव में आमजनों द्वारा जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने हेतु किसी कम्प्यूटर दुकान अथवा अन्य अवैधानिक स्थानों से सम्पर्क किया जाता है तथा उनके द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। शासन द्वारा केवल ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय एवं शासकीय अस्पताल को भी जन्म-मृत्यु घटना के पंजीयन करने और प्रमाण पत्र देने हेतु अधिकृत किया गया है। किसी भी निजी व्यक्ति अथवा संस्थान को प्रमाण पत्र देने का अधिकार नहीं है। प्रत्येक प्रमाण पत्र में एक क्यूआर कोड छपा होता है जिसे मोबाइल द्वारा स्कैन कर उसके सही होने का जांच किया जा सकता है। सही प्रमाण पत्र को स्केन करने पर भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त का वेबसाईट dc.crsorgi.gov.in का लिंक खुलेगा और नाम, पति/पिता का नाम, जन्म/मृत्यु की तिथि, स्थान, पंजीयन नम्बर एवं पंजीयन दिनांक की जानकारी प्रदर्शित होगी। फर्जी प्रमाण पत्र में क्यूआर कोड नहीं होगा या होगा तो अन्य वेबसाईट का लिंक खुलेगा।

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